शेयर मार्केट में कमाना है अच्छा मुनाफा तो बस 10 गलतियों से बचें
By Dilip Suthar
1. गलत शेयरों का चुनाव
पहली गलती यह होती है कि हम सही शेयर नहीं चुन पाते। निवेश लंबे समय के लिए कर रहे हैं तो खासतौर पर इस पर ध्यान दें। इस गलती से बचने के लिए हमें किसी कंपनी का 5 साल का रेकॉर्ड चेक करना चाहिए। इसके बारे में screener.in, nseguide.com, equitymaster.com, bigpaisa.com जैसी वेबसाइट्स पर जाकर कंपनी के बारे में जानकारी ली जा सकती है। कुछ खास बातों पर ध्यान देना चाहिए। सबसे पहले यह देखें कि कंपनी का रिटर्न ऑन कैपिटल इंप्लॉइड (ROCE) , कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR), प्राइस ऑफ अर्निंग रेश्यो (PER ) क्या हैl ROCE की दर 15 पर्सेंट से ऊपर अच्छी होती है। CAGR कंपनी का सालाना ग्रोथ रेट है जो 10 पर्सेंट से ऊपर हो अच्छा है। इसी तरह PE रेश्यो 20 पर्सेंट से कम हो तो ठीक कहा जा सकता है। PE रेश्यो कम इसलिए क्योंकि इससे पता चलता है कि कंपनी की शेयर अर्निंग का कितना गुना मूल्य शेयर बाजार में है। यह जितना कम हो उतना ही अच्छा है। उदाहरण के लिए आंध्र पेपर कंपनी की बात करें तो इसकी PE रेश्यो केवल 5% है जो कि बहुत अच्छी है , ROCE 18% यह भी अच्छी है, CAGR 9% यह थोड़ी कम है। कंपनी में ग्रोथ कितनी है और आगे आने वाले समय में क्या करने वाले हैं, इसका भी ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा कंपनी का Economic moat भी देखें। यह खास बात है जो कंपनी को दूसरी कंपनियों से अलग बनाती जैसे उसकी लोकेशन, टेक्नॉलजी, रॉ मटेरियल में पकड़, कस्टमर से लंबा अग्रीमेंट आदि। ये सब कंपनी को बढ़िया निवेश के लायक बनाते हैं। कंपनी की वेबसाइट, एनुअल रिपोर्ट, इन्वेस्टर प्रेजेंटेशन से इकनोमिक मोट को समझा जा सकता है।2. प्रॉफिट बुकिंग न करना
अगर किसी शेयर में हमें अच्छा प्रॉफिट हो गया है तो हम उसे बेचते नहीं हैं और यह सोचते हैं कि यह अभी ज्यादा बढ़ सकता है। प्रॉफिट की चाहत कम करते हुए हमें यह समझना चाहिए कि हर स्टेप पर कुछ शेयर बेचने चाहिए। मान लें, हमारे पास किसी कंपनी के 1000 शेयर हैं जो हमने 20 रुपये की दर से खरीदे थे और जो अब बढ़कर 24 पर पहुंच गए हैं। ऐसे में हमें उसमें से 300 बेच देने चाहिए और अगर वह 28 पर जाता है तो भी उसमें से 300 शेयर बेच दें। मतलब यह कि हमारे बाकी शेयरों की कॉस्टिंग बहुत कम हो जानी चाहिए। इस तरह से हमारा रिस्क कम होता चला जाता है। अगर हम रिस्क के हिसाब से नहीं बेचेंगे तो हम कभी भी प्रॉफिट में नहीं आ सकते। अक्सर हम 28 पर भी नहीं बेचते और जब वह 15 पर पहुंच जाता है, तब भी नहीं बेचते। यहां हम गलती करते हैं जबकि शेयर मार्केट में हमेशा बहुत-सी कंपनी सस्ते में शेयर देती हैं।3. सिर्फ सोशल मीडिया के भरोसे रहना
शेयर बाजार के लिए कभी भी सोशल मीडिया पर आ रही किसी टिप पर आंखें मूंदकर भरोसा न करें। यू-ट्यूब, ट्विटर, टेलीग्राम या वॉट्सऐप पर कई एक्सपर्ट, ग्रुप या चैनल मिल जाएंगे जो गलत शेयरों को प्रमोट कर देते हैं। इसलिए बिना कंपनी की खोजबीन किए अपने पैसे न फंसाएं। उदाहरण के लिए Cerebra tech. , Zee learn, Future lifestyle को देखें। इन कंपनियों के शेयर्स कभी सोशल मीडिया के चहेते थे। अब ये 80 फीसदी शेयर होल्डर्स का पैसा डुबो चुके है। इसलिए जब आपको किसी कंपनी का शेयर अच्छा लगे तो सिर्फ इसलिए पैसा न लगाएं कि सोशल मीडिया पर भी उसके बारे में टिप दी गई है। अपनी ओर से स्टडी करें और किसी ऐसे एक्सपर्ट की राय भी लें जो sebi में रजिस्टर्ड हो। रजिस्ट्रेशन चेक करने के लिए sebi.gov.in पर जाएं।4. स्टॉप लॉस नहीं रखना
अगर हमारा शेयर तेजी पर है तो भी हमें स्टॉप लॉस (स्टॉप लॉस वह कीमत है जिस पर हम अपना शेयर बेच देते हैं। इससे बड़े नुकसान से बच जाते हैं। ) रखना चाहिए। मान लें कि हमने किसी कंपनी का शेयर 50 रुपये में खरीदा था। वह बढ़ते हुए अब 56 रुपये का हो गया। यहां हमें एक स्टॉप लॉस बना लेना चाहिए, जैसे अब 54 रुपये से नीचे आते ही उस शेयर को बेचना होगा। अगर आपने 50 रुपये का शेयर खरीदा और वह नीचे आने लगा, ऐसे में आप 45 रुपये पर स्टॉप लॉस लगा सकते हैं। इस पर हिट करते ही बेचना है। अगर स्टॉप लॉस को मेंटेन नहीं करेंगे तो भारी नुकसान उठा सकते हैं। वहीं, लंबे टाइम के निवेशक स्टॉप लॉस 25 पर्सेंट तक रख सकते हैं क्योंकि उनका रुझान कम से कम 1 साल का हो सकता है।5. मार्केट अप हो तो सेलिंग न करना
स्टॉक मार्केट जब ऊपर होती है, तब सेलिंग करनी चाहिए पर हम सेलिंग नहीं करते। कम से कम कुछ प्रॉफिट बुकिंग तो उस वक्त जरूर करनी चाहिए। जब मार्केट बहुत ज्यादा गिर जाती है तब हमें खरीदारी करनी चाहिए। यह ध्यान रखना चाहिए कि पूरा पोर्टफोलियो न बेचें तो कम से कम 40 पर्सेंट तो बेच सकते है। ज्यादातर लोग उलटा करते हैं कि तेजी में खरीदते हैं और मंदी के डर से बेच रहे होते हैं।
6. पैनिक में शेयर बेचना
कभी भी पैनिक में आकर या अफवाहों के झांसे में आकर अपने शेयर नहीं बेचने चाहिए। अगर आपने किसी कंपनी के शेयर पूरी जांच-परख के बाद खरीदे हैं तो कंपनी के बारे में अपनी स्टडी पर भरोसा रखें। सचाई का पता लगाने की कोशिश करें। अगर कभी कंपनी के बारे में कोई नेगेटिव न्यूज़ आए तो खुद भी पता करें और किसी एक्सपर्ट से भी राय लें।
7. गिरते शेयरों की खरीदारी करना
जो शेयर लगातार गिर रहे हों उनमें कभी भी खरीदारी नहीं करनी चाहिए। उदाहरण के लिए यस बैंक 800 रुपये तक के उच्चतम पर था और वह जब नीचे गिरने लगा तो लोगों ने 200 से 300 रुपये पर खूब खरीदारी की। बुरी तरह गिरते-गिरते यह 10 रुपये तक आ गया था। इसी तरह DHFL भी 600 रुपये से नीचे आते-आते 20 रुपये तक आया। इसमें भी लोगों ने बहुत खरीदारी की लेकिन यह डीलिस्ट होकर खत्म हो गया। Srei इंफ़्रा 123 रुपये गया था, अब घटते-घटते 3 रुपये से नीचे पहुंच चुका है। रिलायंस कम्युनिकेशन जो किसी जमाने में 800 रुपये पर जा चुका है, अब करीब 1.5 रुपये पर लिस्टेड है। रिलायंस पावर का IPO 500 रुपये पर आया था और अब करीब 12 रुपये पर लिस्टेड है। गिरती हुई कंपनियों से हमेशा दूरी बनाकर रखे।
8. घाटे वाली कंपनियों के शेयर लेना
ज्यादा लोन, लगातार घाटा करने वाली कंपनियों में पैसा नहीं लगाना चाहिए। उदाहरण के लिए वोडाफोन को देखें। यह मशहूर कंपनी है लेकिन मोटे नुकसान में जूझ रही है। उस पर इतना लोन है कि वह जल्दी प्रॉफिट में नहीं आ सकती है। इसी तरह TTML, आलोक इंडस्ट्रीज लगातार लॉस में हैं। जेपी पावर, जेपी असोसिएट, रिलायंस कैपिटल आदि कंपनियां भी लोन में फंसी हैं। इनके बढ़ने की उम्मीद कम है, इसलिए ऐसी कंपनियों से बचें।
9. गलत सेक्टर में पैसे लगाना
गलत सेक्टर में पैसा लगाना जैसे कि एयरलाइंस, शिपिंग, सिनेमा कंपनियां आदि। इसमें आपको ज्यादा ग्रोथ नहीं मिलेगी। स्टार्टअप की जो स्लॉट बुकिंग कंपनी हैं जैसे जोमाटो, पेटीएम पॉलिसी बाजार आदि ने भी लोगों का बहुत नुकसान किया है। ऐसी ही बहुत-सी कंपनी हैं जिनकी वजह से हम गलत सेक्टर में पैसा लगा देते हैं। हमेशा अच्छे सेक्टर में पैसा लगाएं। ऐसी कंपनी चुनें जो प्रॉफिट मेकिंग हो। यहां एयरलाइंस का मतलब यह नहीं कि एयरपोर्ट ऑपरेटर या इंजीनियरिंग कंपनियों में निवेश नहीं कर सकते, बल्कि इनमें निवेश करना चाहिए।
10. तुरंत भारी कमाई की कोशिश
कभी भी कॉल ऑप्शन (किसी शेयर का कॉल ऑप्शन खरीदना यानी शेयर का प्राइस बढ़ने या घटने पर दांव लगाना) , इंट्राडे ट्रेडिंग (एक दिन में शेयर खरीदना और उसी दिन बेच देना) में पैसा नहीं लगाना चाहिए। गलती यहीं होती है कि हम जल्दी से जल्दी भारी कमाई के चक्कर में इस तरह की ट्रेडिंग करते हैं और उसके अंदर हमारे को हमेशा ही नुकसान होता है क्योंकि हम न कोई एक्सपर्ट है और दिन की उथल-पुथल में हम कभी भी कमा नहीं सकते हैं। इसलिए बिना किसी एक्सपर्ट सलाह के फ्यूचर ऑप्शन ट्रेडिंग से हमेशा बचना चाहिए। यह कोरी सट्टेबाज़ी है।
नोट: शेयर मार्केट से कमाई करनी है तो एक्सपर्ट की सहायता से बढ़िया पोर्टफोलियो तैयार करें जिसमे बड़ी और मझोली कंपनियां शामिल हों। सभी सेक्टर के शेयर्स भी उसमें शामिल करें। इस तरह वक्त के मुताबिक उसमें प्रॉफिट बुकिंग करे।
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