इंट्राडे के लिए स्टॉक का चयन कैसे करे?
इंट्राडे के लिए स्टॉक का चयन कैसे करे ? क्या ऐसा कोई सवाल है जो आपके दिमाग़ में घूम रहा है और आप अभी भी इसका जवाब नहीं समझ पा रहे है?
तो आइए जल्दी से हम आपकी इस चिंता का पूरा समाधान निकालने की कोशिश करते है, ताकि आपके दिमाग में कोई सवाल न रहें।
हम सभी जानते है की इंट्राडे ट्रेडिग में आप एक ट्रेडिग अवधि के अंदर ट्रेड कर सकते है। कहने का मतलब यह है की इसमें स्टॉक को ख़रीदना, बेचना या उनकी सूची बनाना सब उसी दिन या दूसरे शब्दों में कहे तो एक ट्रेडिग सेशन में किया जाता है।
निम्नलिखित कुछ तरीकें है जो आपको स्टॉक चुनने में मदद करेगा:
- यदि आप किसी स्टॉक या इंडेक्स में बढ़त (बुलिश) का अनुमान लगाते है, तो आप इसे पहले कम क़ीमत पर ख़रीद सकते है और फिर उसी दिन बाद में इसे अधिक मूल्य पर बेच सकते है।
- यदि आप किसी स्टॉक या इंडेक्स के बारे में मंदी (बेयरिश) की संभावना जता रहे है, तो आप उन्हें पहले अधिक क़ीमत पर बेच सकते है और फिर बाद में उसी स्टॉक को कम क़ीमतों पर ख़रीद सकते है।
यदि आप स्टॉक का त्वरित विश्लेषण चाहते हैं तो आप StockEdge ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इन दोनो तरीक़े से ही मुनाफ़ा कमा सकते है और देखने में सरल भी लगते है लेकिन इंट्राडे ट्रेडिग की पूरी प्रक्रिया और इसमें निर्णय कैसे लिए जाए यह काफ़ी मुश्किल होता हैं। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण निर्णय यह होता है की इंट्राडे ट्रेडिग के लिए शेयरों का चयन कैसे करे।
इसे पहले की आप शेयरों के चयन के बारे में आगे पढ़े, इसके लिए हमारे पास कुछ युक्तियाँ है, जब हम किसी भी तरह की ट्रेडिग करते है तो हमें उनका पालन करना चाहिए।
जैसे उदाहरण के लिए, आपको मार्केट की वर्तमान ट्रेंड या रुझान का अनुमान होना चाहिए और उसका पालन करते हुए आप अपना काम करे।
क्यूँकि इसे सही तरीक़े से करना बहुत मुश्किल काम है और इसे सही तरीक़े से करने के लिए बहुत अभ्यास और अनुभव की आवश्यकता होती है।
इसमें एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि आप कभी भी ओवर ट्रेड करने का प्रयास ना करे। अपनी लालच और उम्मीदों की भावनाओं को इस चीज़ से हर क़ीमत पर अपने आपको बचा के रखना चाहिए।
इसके अलावा, आपको अपने ट्रेड को किसी ठोस कारण के आधार परऑर्डर करना सुनिश्चित करना चाहिए ना कि उस सेक्टर के बारे में सिर्फ़ अफ़वाह पर। और इन सब में सबसे महत्वपूर्ण चीज़ स्टॉप लॉस है जो आपके द्वारा कोई भी ट्रेड शुरू करने से पहले ही पूर्व निर्धारित कर दिया जाना चाहिए।
यहा तक की किसी अनुभवी ट्रेडर के लिए भी उस वक़्त अपने ट्रेड को सही ढंग से करना मुश्किल हो जाता है, जब वे इंट्राडे ट्रेडिग के लिए स्टॉक को चुनना चाहता है।
अगर आपको इंट्राडे ट्रेडिग के बारे मे सब कुछ पता है तब भी ट्रेडिग में कुछ ग़लतियाँ होने की संभावना होती ही है। इंट्राडे ट्रेडिग में, बहुत कम समय में चीज़ें बहुत जल्दी ग़लत हो सकती है।
इसलिए सलाह दी जाती है कि आपके पास स्टॉप-लॉस होना चाहिए और जब भी ट्रेडिग करते समय ज़रूरत लगे तो उसका सख़्ती से उपयोग किया जाना चाहिए।
चलिए अब हम मुख्य विषय को देखते और समझते है – इंट्राडे ट्रेडिग के लिए शेयरों का चयन कैसे करे?
पहली चीज़ जो आपको अपना स्टॉक ख़रीदने से पहले देखनी चाहिए वो है उसकी लिक्विडिटी। क्यूँकि ऐसे स्टॉक जिसमें आप किसी भी समय किसी भी स्थिति में प्रवेश करने या बाहर निकलने में सक्षम नहीं होते उन में ट्रेड करना किसी काम का नहीं होता।
फिर स्टॉक को थोड़ा बहुत वोलेटाइल या अस्थिर भी होना चाहिए और एक दिन के अंदर ही स्टॉक की क़ीमतों में कुछ अच्छा मुनाफ़ा दिखाने में सक्षम होना चाहिए। बहुत स्थिर स्टॉक में ट्रेडिग आपको इंट्राडे ट्रेडिग में लाभ नहीं दे पाएगी।
इंट्राडे ट्रेडिग में अधिक प्रभावी ढंग से स्टॉक का चयन करने के लिए उस स्टॉक के तकनीकी विश्लेषण के ज्ञान का उपयोग करने की सिफ़ारिश की जाती है।
इसमें तकनीकी विश्लेषण जैसे तकनीकी चार्ट को पढ़ना और फिर उन चार्ट पर दिए हुए संकेतो को समझ कर तथा उनका उपयोग करके कुछ ख़रीदना या बेचना दोनो ही शामिल है।
यहा पर अलग अलग तरह की कई रणनीतियाँ है, जो आपको स्टॉक का चयन करने में मदद कर सकती है।
जिनमे ट्रेड करने के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली रणनीतियों में से एक है मोमेंटम ओफ़ स्टॉक। जिसमें ऐसे स्टॉक को चुना जाता है जो इंट्राडे ट्रेडिग में काम करने के अनुसार काफ़ी अच्छे हो।
उसके बाद, ऐसे दूसरे स्टॉक को चुना जाता है जो स्टॉक प्राइस और उनकी दिशो में गैप या अंतर दिखा रहे हो।
यह गैप किसी भी कारण से हो सकते है जैसे मुनाफ़े की घोषणा या फिर कोई ऐसी ख़बर जो पूरे क्षेत्र या कम्पनी को प्रभावित कर सकती है।
स्टॉक ढूँढ़ने का दुसरा तरीक़ा उन स्टॉक का चयन करना है जिनकी क़ीमतें अपने ही सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल स्तर को तोड़ रही हो।
इस रणनीति को गैप और गो रणनीति कहा जाता है।
सपोर्ट और रेजिस्टेंस के स्तर को ब्रेकआउट करने के बाद अगर ट्रेड एक बड़े स्तर पर किया जाए तो वह उस प्रवति को बदलने की क्षमता रखता है।
अब सवाल यह है की लाइव स्टॉक मार्केट में स्टॉक को कैसे ढूंढा जा सकता है। वैसे तो इस तरह के स्टॉक को स्टॉक स्क्रीनर्स की मदद से चुना जा सकता है।
आप स्टॉक स्क्रीनर्स में अपने इच्छा अनुसार मानदंड भर सकते है जिसके बाद वे उन परिभाषित मानदंडों के अनुसार स्टॉक का चयन करने में आपकी मदद करगे।
स्टॉक स्क्रीनर्स आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध होते है जिनमे कुछ स्टॉक स्क्रीनर्स मुफ़्त होते है जबकि कुछ ख़रीदने पड़ते है।
यदि आप किसी तकनीकी विश्लेषण और तकनीकी संकेतो या ऑसिलेटर के बारे में जाने में रुचि रखते है और साथ साथ इंट्राडे ट्रेडिग में स्टॉक में ट्रेड के लिए स्टॉक के चयन में इसका उपयोग कैसे कर सकते है, इन विषयों पर ऑनलाइन बहुत से पाठ्यक्रम उपलब्ध है जिस पर आप विचार कर सकते है।
इन सब के लिए फ़ोन ऐप की तरह स्टॉक मार्केट में स्टॉक पाठशाला नाम की ऐप भी है। इसमें स्टॉक मार्केट से सम्बंधित विभिन्न पाठ्यक्रम उपलब्ध होते है जिन्हें शुरूआत में मुफ़्त पढ़ा जा सकता है।
इसमें तकनीकी विश्लेषण और तकनीकी संकेतो और ऑसिलेटर पर विशिष्ट पाठ्यक्रम उपलब्ध होते है।
अंत में, यदि आप स्टॉक मार्केट में ट्रेडिग के साथ शुरूआत करना चाहते है, तो हम आपकी निवेश यात्रा में आगे क़दम उठाने में आपकी सहायता करेंगे।
जिसके लिए बस आप नीचे दिए गए फ़ार्म को भरें:
इसमें आप अपना कुछ बुनियादी विवरण दर्ज करे जिसके बाद आपके लिए एक कॉलबैक की व्यवस्था की जाएगी।
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